Listen NCERT Audio Books - Kitabein Ab Bolengi
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आपसे लगातार बड़बड़ाते रहते हैं।
यह टिप्पणी आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बारे में है। आप किसी भी शहर की सड़कों पर सुबह 9 बजे नजर डालिए तो पता लगेगा कि हर कोई कहीं न कहीं भाग रहा है। लोग अत्यधिक तनाव में होने की वजह से बात-बात पर झल्लाने लगते हैं। लेखक जापानियों की मनोदशा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि जापान के लोगों के जीवन की गति इतनी तीव्र हो गई है कि यहाँ लोग सामान्य जीवन जीने की बजाए जीवन की तीव्र गति की वजह से असामान्य होते जा रहे हैं।