किसी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है, जैसे-

सुबह होने से पहले हम गाँव में थे।


पौ फटने वाली थी कि हम गाँव में थे।


तारों की छाँव रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए।


नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए-


जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।

उक्त वाक्य को निम्न तरीकों से लिखा जा सकता है

1) पता ही नहीं चल पा रहा था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।


(2) घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे, ये पता नहीं चल रहा था।


(3) घोड़े की गति इतनी धीमी थी कि पता नहीं चल रहा था कि आगे जा रहा है या पीछे।


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