आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
(क) आशय- सालिम अली, अंग्रेजी साहित्यकार लॉरेंस की तरह ही पर्यावरण से विशेष लगाव रखने वाले थे। यहां लॉरेंस और सालिम अली की तुलना की जा रही है। जैसे लॉरेंस का जीवन प्रकृति के अत्यंत निकट था। इसी प्रकार सालिम अली ने भी अपना जीवन पक्षी, प्रकृति और पर्यावारण की रक्षा के विषय में काम करने में लगा दिया था।
(ख) आशय- लेखक ने सालिम अली को एक महान पक्षी प्रेमी बताया है। उन्होंने सालिम अली की तुलना ऐसे पक्षी से की है जो अपने जीवन की लंबी यात्रा कर मौत की गोद में सो गया है। लेखक सालिम अली की तुलना पक्षी से करता है और कहता है कि इस पक्षी को दूसरों के शरीर की गर्मी और दिल की धड़कन देकर भी जीवित नहीं किया जा सकता है। सालिम अली का पक्षी प्रेम उनका अपना था किसी का दिया हुआ नहीं। उनके सामने कोई अन्य पक्षी प्रेमी उत्पन्न नहीं किया जा सकता है।
(ग) आशय- सालिम अली ने कई यात्राएं कर पक्षियों के बारे में बहुत ज्ञान प्राप्त कर लिया था। पक्षियों के लिए उन्होंने स्वयं को किसी सीमा में कैद नहीं किया। वे टापू की तरह नहीं, सागर की तरह खुले आचार-विचार और सोच वाले थे। वे पक्षी, प्रकृति और पर्यावरण के लिए कुछ भी करने को तैयार थे।