हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

हिन्दी भाषा के लेखक हरिशंकर परसाई ने प्रस्तुत व्यंग्य रचना ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ में प्रेमचंद के व्यक्तित्व का विस्तृत विवरण शब्दचित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इस रचना में प्रेमचंद के व्यक्तित्व की उभरकर आने वाली विशेषताओं में हमें सबसे पहले उनका स्वाभिमान दिखाई पड़ता है। हम लेखक के शब्दों में प्रेमचंद के पहनावे का मूल्यांकन करने पर ऐसा पाते हैं। प्रेमचंद की सलीकेदार टोपी और फटे जूते पहनने के पीछे का कारण भले ही आर्थिक हो पर इससे हमें उनके व्यक्तित्व में छिपे स्वाभिमान और उससे कहीं अधिक बढ़कर आत्मसम्मान की भावना के होने का पता चलता है। साथ ही उनका दिखावे से दूर तक रिश्ता न होने का पता भी हमें उनके पहनावे से चलता है। उनके चेहरे पर संतुष्टि भरी मुस्कान हमें अनायास या ओढी हुई नहीं लगती है। इस खिली मुस्कान में हमें निरंतरता का आभास होता है फिर चाहे भले ही वह उनके सतत कर्मनिष्ठ होने के भाव से उपजी हो। हम उनका सम्पूर्ण व्यक्तित्व मोहक ही पाते हैं।


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