Solution of Chapter 17. Habeeb Tanveer - Kartoos (Akanki) (स्पर्श भाग 2 Book)

Chapter Exercises

Maukhik

Likhit

Bhasha Adhyayan

4

क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं। क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;

जैसे-सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)


सवार ने कारतूस माँगे। (कर्म के कारण)


कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)


अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म में से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-


(क) घोड़ा पानी पी रहा था।


(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।


(ग) रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था ।


(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे|